F. गिरधर जी का शेखावत:-राजा गिरधर दास राजा रायसलजी के बाद खंडेला के राजा बने इनके वंशज गिरधर जी का शेखावत कहलाये, जागीर समाप्ति से पहले खंडेला, रानोली, खूड, दांता आदि ठिकाने इनके आधीन थे! G.
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मेरा गांव राजस्थान के सीकर जिले में सीकर-जोधपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सीकर से 30 km दूर खूड व लोसल के बीच स्थित एक पूर्ण विकसित आदर्श गांव है, जहाँ हिंदू धर्म की अनेक जातियाँ सोहार्दपूर्ण माहोल में निवास करती है जिनमे “ शेखावत ” राजपूतों का बाहुल्य हे
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भारतीय क्षत्रिय महासभा नई दिल्ली सताब्दी समारोह स्मारिका संपादन ४७-पत्र दस्तावेज (महाराज कुमार रघुवीर सिंह जी एवं सोभाग्ये सिंह का पत्र व्यवहार) ४८-पत्र प्रकाश (इतिहासकार सुरजन सिंह एवं सोभाग्य सिंह के पत्र) ४९-ठिकाना खूड एवं दांता का इतिहास आपकी अन्य ग्रंथों की भूमिका लेखन १-राव शेखा-(सुरजन सिंह शेखावत) २-मीरां बाई-(डा.
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दूर खूड व लोसल के बीच स्थित एक पूर्ण विकसित आदर्श गांव है, जहाँ हिंदू धर्म की अनेक जातियाँ सोहार्दपूर्ण माहोल में निवास करती है जिनमे “शेखावत” राजपूतों का बाहुल्य है| भगतपुरा आज से लगभग 250 वर्ष पूर्व खूड के कुं.गुलाब सिंघ जी व कुं नवल सिंघ जी ने बसाया था | शिक्षा के लिए गांव में तीन स्कूल स्थापित है साथ ही उच्च शिक्षा के लिए महज 1
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दूर खूड व लोसल के बीच स्थित एक पूर्ण विकसित आदर्श गांव है, जहाँ हिंदू धर्म की अनेक जातियाँ सोहार्दपूर्ण माहोल में निवास करती है जिनमे “शेखावत” राजपूतों का बाहुल्य है| भगतपुरा आज से लगभग 250 वर्ष पूर्व खूड के कुं.गुलाब सिंघ जी व कुं नवल सिंघ जी ने बसाया था | शिक्षा के लिए गांव में तीन स्कूल स्थापित है साथ ही उच्च शिक्षा के लिए महज 1
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दूर खूड व लोसल के बीच स्थित एक पूर्ण विकसित आदर्श गांव है, जहाँ हिंदू धर्म की अनेक जातियाँ सोहार्दपूर्ण माहोल में निवास करती है जिनमे “शेखावत” राजपूतों का बाहुल्य हे | भगतपुरा आज से लगभग 250 वर्ष पूर्व खूड के कुं.गुलाब सिंघ जी व कुं नवल सिंघ जी ने बसाया था | शिक्षा के लिए गांव में तीन स्कूल स्थापित है साथ ही उच्च शिक्षा के लिए महज 1
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दूर खूड व लोसल के बीच स्थित एक पूर्ण विकसित आदर्श गांव है, जहाँ हिंदू धर्म की अनेक जातियाँ सोहार्दपूर्ण माहोल में निवास करती है जिनमे “शेखावत” राजपूतों का बाहुल्य हे | भगतपुरा आज से लगभग 250 वर्ष पूर्व खूड के कुं.गुलाब सिंघ जी व कुं नवल सिंघ जी ने बसाया था | शिक्षा के लिए गांव में तीन स्कूल स्थापित है साथ ही उच्च शिक्षा के लिए महज 1
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४४-मोहणोत नेणसी (सहयोग) ४५-रणरोल काव्य ४७-अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा नई दिल्ली सताब्दी समारोह स्मारिका संपादन ४७-पत्र दस्तावेज (महाराज कुमार रघुवीर सिंह जी एवं सोभाग्ये सिंह का पत्र व्यवहार) ४८-पत्र प्रकाश (इतिहासकार सुरजन सिंह एवं सोभाग्य सिंह के पत्र) ४९-ठिकाना खूड एवं दांता का इतिहास आपकी अन्य ग्रंथों की भूमिका लेखन १-राव शेखा-(सुरजन सिंह शेखावत) २-मीरां बाई-(डा.
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शेखावाटी का ठिकाना खूड खंडेला के राजा गिरधरदास रायसलोत की परम्परा में था | राजा गिरधरदास के पोत्र राजा वरसिंहदेव के छोटे पुत्र श्याम सिंह जी को यह ठिकाना प्राप्त हुआ | यह बारह गांवों का ताजिमी ठिकाना था | ठाकुर श्याम सिंह जी ने शेखावाटी के प्रसिद्ध युद्ध हरिपुरा के रणक्षेत्र में अपने भतीजे खंडेला के राजा केसरी सिंह और डूकिया के ठाकुर व अपने भाई मोहकम सिंह आदि के साथ शाही सेना से संवत....