प्रथम गर्भांक स्थान-विद्या का महल (विद्या बैठी है और चपला पंखा हांकती है और सुलोचना पान का डब्बा लिए खड़ी है) ।
12.
प्रथम गर्भांक (विमला और चपला आती हैं) विमला: वाहरे वाहरे कैसी दौड़ी चली जाती है देख कर भी बहाली दिये जाती है।
13.
पहला गर्भांक राजा और मंत्री का प्रवेश राजा: (चिन्ता सहित) यही तो बड़ा आश्चर्य है कि इतने राजपुत्र आए पर उनमें मनुष्य एक भी नहीं आया।
14.
× × × नाटक के प्रबंध का कुछ कहना ही नहीं, एक गँवार भी जानता होगा कि स्थलपरिवर्तन के कारण गर्भांक की आवश्यकता होती है ;
15.
अर्थात् स्थानके बदलने में परदा बदला जाता है और इसी पर्दे को बदलने को दूसरा गर्भांक मानते हैं, सो आपने एक ही गर्भांक में तीन स्थान बदल डाले।
16.
अर्थात् स्थानके बदलने में परदा बदला जाता है और इसी पर्दे को बदलने को दूसरा गर्भांक मानते हैं, सो आपने एक ही गर्भांक में तीन स्थान बदल डाले।
17.
रा: कनिंग चौप माने कुटीचर! (नेपथ्य में) श्री गोविंदराय जी की श्री मंगला खुली (सब दौड़ते हैं) (परदा गिरता है) इति मंदिरादर्श नामक प्रथम गर्भांक
18.
पहिला गर्भांक स्थान-मंदिर का चौक (झपटिया इधर उधर घूम रहा है) झ: आज अभी कोई दरसनी परसनी नाहीं आयें और कहाँ तक अभहिंन तक मिसरो नहीं आयें अभहीं तक नींद न खुली होइहै।
19.
अंकों के बीच के स्थान परिवर्तन या दृश्य परिवर्तन को ' दृश्य ' और कभी कभी ' गर्भांक ' शब्द रखकर सूचित करने लगे, यद्यपि ' गर्भांक ' शब्द का हमारे नाटयशास्त्र में कुछ और ही अर्थ है।
20.
अंकों के बीच के स्थान परिवर्तन या दृश्य परिवर्तन को ' दृश्य ' और कभी कभी ' गर्भांक ' शब्द रखकर सूचित करने लगे, यद्यपि ' गर्भांक ' शब्द का हमारे नाटयशास्त्र में कुछ और ही अर्थ है।