अंकित उन किताबों में निमाड़ी लोकगीतों की टुइयाँ चिड़ियों जैसी 1 हम सबकी बहनें थीं छोटी-छोटी, निरीह और दक्ष गृहकार्य में, चट्टानी कंगूरों पर खतरों से खेलतीं बनातीं वे घोसले-घरौंदे जिनमें पल रहे थे उन जैसे और भी गुणवन्त कलावन्त
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इस अवसर पर पीताम्बर दत्त भट्ट, प्रभात कुमार साह, ताहिर हुसैन, मुख्तार सिंह, ईश्वरी दत्त जोशी, शेखर चन्द्र गुणवन्त, बसन्त सिंह बिष्ट, रमेश सिंह रावत, साबिर खाँ, प्रमोद रैखोला, बहादुर सिंह आदि उपस्थित थे।
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परिषद सचिव राजेन्द्र जैन ने बताया कि इस आयोजन में परिषद की ओर से अध्यक्ष राजेश खमेसरा, गजेन्द्र सामर, अजितसिंह गलुण्डिया, ललित वर्डिया, अनिल नाहर, विजय सेठिया, गुणवन्त वागरेचा, अरविन्द बड़ाला, सतीश मारू, नरेन्द्रट हिंगड़ सहित अनेक सदस्य शामिल थे।