| 11. | शनिवार को विशेष जयमाला प्रस्तुत किया गुलज़ार ने।
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| 12. | गुलज़ार का ये गीत मुझे सर्वाधिक प्रिय है..
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| 13. | गुलज़ार तुझ बहार का है अब तलक बहाल
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| 14. | गुलज़ार कच्ची मिट्टी है, दिल भी इंसा भी
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| 15. | गुलज़ार साहब ने इस गीत को लिखा था।
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| 16. | क़दम उसी मोड़ पर जमे हैं / गुलज़ार
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| 17. | गुलज़ार साहब भी आजकल सेलेक्टिव ही लिखते हैं.
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| 18. | एक दुसरी जगह गुलज़ार साहब कहते हैं:
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| 19. | ये त्रिवेणी गुलज़ार की अपनी ईजाद हैं.
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| 20. | सफ़ेदपोश अजीब चीज़ हैं ये गुलज़ार साहब भी...
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