संफेद गुलाब जैसा जताजा मुख और जौ के फूल जैसी सुनहरी आँखें।
12.
मैं कोल्हू जैसा दिखता हूँ तेरा चेहरा गुलाब जैसा मैं नोडू जैसा दिखता हूँ
13.
सूर्य जैसा तुम चमकोगे, गुलाब जैसा तुम महकोगे,प्यार करे तुम्हें दुनिया सारी,तुम्हारी सूरत लगे सबको प्यारी।।
14.
बदन में आग-सी चेहरा गुलाब जैसा है कि ज़हर-ए-ग़म का नशा भी शराब जैसा है।
15.
गुलाब जैसा चेहरा सूख गया, माँ और बाप उसकी मोहनी हँसी के लिए तरस कर
16.
सूर्य जैसा तुम चमकोगे, गुलाब जैसा तुम महकोगे, प्यार करे तुम्हें दुनिया सारी, तुम्हारी सूरत लगे सबको प्यारी।।
17.
गुलाब जैसा चेहरा सूख गया, माँ और बाप उसकी मोहिनी हँसी के लिए तरसकर रह जाते थे।
18.
लहरों के नीले अवगुण्ठन मेंजहाँ सिन्दूरी गुलाब जैसा सूरज खिलता थावहाँ सैकड़ों निष्फल सीपियाँ छटपटा रही हैं-और तुम मौन होमैंने देखा कि अगणित विक्षुब्ध विक्रान्त लहरेंफेन का
19.
बदन में आग सी, चेहरा गुलाब जैसा है ज़हर-ए-गम का नशा भी शराब जैसा है मगर कभी कोई देखे, कोई पढ़े तो सही दिल आइना है तो चेहरा किताब जैसा है।
20.
गुलाब फ़िक्र नहीं करता कमल जैसा होने क़ी, कमल प्रतिस्पर्धा नहीं करता गुलाब जैसा होने क़ी! घास पर खिला हुआ फूल भी सुबह सूरज क़ी सुनहरी किरणों के साथ खिलता है!