उसके परिणामस्वरूप हिमालय पर्वत श्रेणियों से बाहर निकलती नदियाँ यहाँ पर भारी जल-भार, जैसे-बड़े शैल और गोलाश्म जमा कर देती हैं और कभी-कभी स्वयं इसी में लुप्त हो जाती हैं।
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उसके परिणामस्वरूप हिमालय पर्वत श्रेणियों से बाहर निकलती नदियाँ यहाँ पर भारी जल-भार, जैसे-बड़े शैल और गोलाश्म जमा कर देती हैं और कभी-कभी स्वयं इसी में लुप्त हो जाती हैं।
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उसके परिणामस्वरूप हिमालय पर्वत श्रेणियों से बाहर निकलती नदियाँ यहाँ पर भारी जल-भार, जैसे-बड़े शैल और गोलाश्म जमा कर देती हैं और कभी-कभी स्वयं इसी में लुप्त हो जाती हैं।
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उसके परिणामस्वरूप हिमालय पर्वत श्रेणियों से बाहर निकलती नदियाँ यहाँ पर भारी जल-भार, जैसे-बड़े शैल और गोलाश्म जमा कर देती हैं और कभी-कभी स्वयं इसी में लुप्त हो जाती हैं।
15.
हिमनद के निक्षेप द्वारा निर्मित स्थलरुपों में ड्रमलीन गोलाश्म म्रतिका द्वारा निर्मित एक प्रकार जे ढेर या टीले होते हैं, जिनका आकार उल्टी नाव या कटे हुए उल्टे अण्डे के समान होता हैं ।
16.
हिमालय के विस्तृत क्षेत्र में हिमानियों का मलबा मिलता है, नदियों की घाटियों में हिमोढयुक्त मलबे की पर्तें दिखाई देती देती हैं तथा स्थान स्थान पर, जैसे पुटवार में, अनियत गोलाश्म भी मिले हैं।
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हिमनद के निक्षेप द्वारा निर्मित स्थलरुपों में ड्रमलीन गोलाश्म म्रतिका द्वारा निर्मित एक प्रकार जे ढेर या टीले होते हैं, जिनका आकार उल्टी नाव या कटे हुए उल्टे अण्डे के समान होता हैं ।
18.
रेतियां मुख्यत: रेत या बालू से बनी होती है इसीलिए इन्हें रेती कहा जाता है, पर इनके संधटन में वो सभी दानेदार वस्तुएं शामिल होती है जिन्हें कोई धारा बहा कर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जा सकती है (जैसे मिट्टी, गाद, कंकड़, बटिया, समुद्री कंकड़ और कई बार तो गोलाश्म भी)।
19.
रेतियां मुख्यत: रेत या बालू से बनी होती है इसीलिए इन्हें रेती कहा जाता है, पर इनके संधटन में वो सभी दानेदार वस्तुएं शामिल होती है जिन्हें कोई धारा बहा कर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जा सकती है (जैसे मिट्टी, गाद, कंकड़, बटिया, समुद्री कंकड़ और कई बार तो गोलाश्म भी)।