जैसे पैरों की अंगुलियों को मोड़ना-खोलना, पंजे को आगे-पीछे करना, पंजों को गोल-गोल घुमाना, घुटनों को आगे-पीछे मोड़ना व गोल-गोल घुमाना, कलाई मोड़ना, कंधों को घुमाना, गर्दन को क्लॉकवाइज-एंटी क्लॉकवाइज घुमाना और मुटि्ठयां कसकर बांधना-खोलना आदि किया जाता है।
12.
इसका एक उदाहरण तब मिल सकता है जब कोई माता या पिता किसी बच्ची को ताली बजाने या पैट-ए-केक कविता के लिए अपने हाथों को गोल-गोल घुमाने में तब तक “मदद” करते हैं जब तक वह खुद अपने हाथों को थपथपाना या ताली बजाना और गोल-गोल घुमाना सीख नहीं लेती है.