रिंग नॅब्युला), जिसे मॅसिये वस्तु ५७ और ऍन॰जी॰सी॰ ६७२० भी कहा जाता है, एक ग्रहीय नीहारिका है जो आकाश में लायरा तारामंडल के क्षेत्र में नज़र आती है।
12.
किसी ग्रहीय नीहारिका में बाहरी पर्त विशालकाय लाल तारे की बनी होती है जो अपने जीवन की आरंभिक अवस्था में बाहर की ओर ढकेल दिया गया होता है।
13.
रिंग नॅब्युला), जिसे मॅसिये वस्तु ५७ और ऍन॰जी॰सी॰ ६७२० भी कहा जाता है, एक ग्रहीय नीहारिका है जो आकाश में लायरा तारामंडल के क्षेत्र में नज़र आती है।
14.
आउल नॅब्युला), जिसे मॅसिये वस्तु ९७ और ऍन॰जी॰सी॰ ३५८७ भी कहा जाता है, एक ग्रहीय नीहारिका है जो दूरबीन से आकाश में सप्तर्षि तारामंडल के क्षेत्र में नज़र आती है।
15.
आउल नॅब्युला), जिसे मॅसिये वस्तु ९७ और ऍन॰जी॰सी॰ ३५८७ भी कहा जाता है, एक ग्रहीय नीहारिका है जो दूरबीन से आकाश में सप्तर्षि तारामंडल के क्षेत्र में नज़र आती है।
16.
[5] अंत में जाकर यह लाल दानव अपनी बाहरी परतें त्याग देता है और वे एक सिकुड़े-हुए घने और ठन्डे केन्द्रीय सफ़ेद बौने तारे के इर्द-गिर्द विस्तृत एक ग्रहीय नीहारिका बन जाती हैं।