उसकी घुरघुराहट (घू घू की सुअर की बोली) को देवताओं ने वेदों का उच्चारण माना।
12.
एक जंगल में प्रवेश कर गया वह, शाम का वक्त, सन्नाटा, हवा की साँय साँय, झींगुरों की किर्र किर्र, बीच बीच में उल्लुओं की आवाज घू... घू..... घू...... घू घू पर हमारा राजकुमार निडर चलता ही चला गया और अचानक सुनाई दी शेर की दहाड़ हा................ आ........................