यदि मैं अपने को तुम्हारे साथ लगाए न रखूं, तो तुम दूषित भोजन करने लगोगे और घृणा के योग्य हो जाओगे।
12.
यदि मैं अपने को तुम्हारे साथ लगाए न रखूं, तो तुम दूषित भोजन करने लगोगे और घृणा के योग्य हो जाओगे।
13.
वर्ण विषयक महात्मा जी का सिद्धांत वैदिक वर्ण व्यवस्था को न केवल असंगत विचार बना देता है, अपितु एक घृणा के योग्य वस्तु बना देता है।
14.
यदि सचमुच कोई पुरुष प्रत्येक भावनात्मक या वैधानिक रिश्तों में सिर्फ अपना पुरुषत्व ही कायम रखना चाहता है तो वह सचुमच घृणा के योग्य है...
15.
लेकिन इससे भी खतरनाक बात यह है कि नयेपन के उन्माद में पुरानी चीज़ों को केवल इसलिए घृणा के योग्य मान लिया जाए कि वे पुरानी हैं।
16.
वर्ण विषयक महात्मा जी का सिद्धांत वैदिक वर्ण व्यवस्था को न केवल असंगत विचार बना देता है, अपितु एक घृणा के योग्य वस्तु बना देता है।
17.
कारण यह है कि यदि आप तुलनात्मक अध्ययन करेंगे तो पायेंगे कि “वर्तमान” पाश्चात्य समाज जिस आधार पर खडा है वह हर तरह से त्याज्य है घृणा के योग्य है.
18.
# ३. “ मूर्ख वो है जो नहीं जानता है, और नहीं जानता है कि वो नहीं जानता-वो घृणा के योग्य है, (अर्थात उसे छोड़ दीजिए) ”...
19.
उसी भाँति धर्म में देखिए तो कैसी ही घृणा के योग्य भूल क्यों न हो कोई न कोई उपयुक्त युक्ति मनुष्य उसके प्रमाण में देकर उसे सराहेगा और उसके दोषों पर सुवर्ण का पर्दा डाल देगा।
20.
], उनके परिजनों और सहयोगियों को कर्बला में शहीद कर देने और शराबी तथा दुष्कर्मी होने के कारण घृणा के योग्य समझता है, सुन्नी धर्माचार्यों ने बारह खलीफाओं की सूची में सम्मिलित कर लिया.