मेरे गाँव में भी लगभग १ ५-२ ० वर्षों पूर्व तक ' एक बेटा-नौ घेंटा ' यानी एक पुत्र के जन्म से विवाह तक नौ पशुओं की बलि देने की पुरानी प्रथा चली आ रही थी जिसमे भैंसा तो नहीं किन्तु बकरा, भेंड, सूअर, मुर्गा आदि की बलि दी जाती थी किन्तु गाँव के लोगों ने मिल बैठकर...