अभियुक्तगण की शिकायते उसकी बहन मृतका चन्द्र कला मायके आकर उसकी मॉ पार्वती देवी को बताया करती थी और उसकी बहन मृतका टेलीफोन से अभियुक्तगण की शिकायत उसको भी बताती रहती थी।
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मृतका चन्द्र कला के शव पर गॉव के लोगों का पहरा था, लाश कब्जे में ली गयी, भीड मे से पंचों को नियुक्त किया गया व पंचायतनामा तैयार किया गया जो प्रदर्श-क-4 है।
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जिसने अपने सशपथ बयान में मुख्य परीक्षा मे कहा गया है कि दिनांक 23 जनवरी 2008 को मृतका श्रीमती चन्द्र कला की लाश ग्राम भटेडी से पोस्टमार्टम हेतु शव विच्छेदन गृह पिथौरागढ लायी गयी थी।
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आम्र-मौर लाओ हे, कदली स्तम्भ बनाओ, पावन गंगा जल भर के बंदनवार बँधाओ, जय भारत गाओ, स्वतन्त्र भारत गाओ! उन्नत लगता चन्द्र कला स्मित आज हिमाँचल, चिर समाधि से जाग उठे हों शम्भु तपोज्वल!
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इस सूचना पर उनके गॉव से शमशेर सिंह, हरीश सिंह, देवेन्द्र सिंह और वह ग्राम भटेडी गये थे वहॉ पर जाकर उन्होने देखा कि चन्द्र कला की लाश अभियुक्तगण के घर के अन्दर चारपाई पर पडी हुयी थी।
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उसकी लडकी मृतका चन्द्र कला ने 19-20 जनवरी 2008 को उसे टेलीफोन से बताया कि तीस हजार रूपये की व्यवस्था तुरन्त कर सकती है तो वह बच सकती है वरना ये लोग उसे मार देने वाले है ये बाते उसकी मृतका लडकी ने उसके नाती पप्पू के टेलीफोन में उससे की थी।
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अभियोजन की ओर से अपने कथन को सिद्व करने के लिए पार्वती देवी को पी0डब्ल्यू0-1 के रूप में परीक्षित कराया गया है जिसने अपने सशपथ बयान में मुख्य परीक्षा में कहा है कि मृतका चन्द्र कला उसकी पुत्री थी जिसकी शादी अभियुक्त योगेन्द्र उर्फ नरेन्द्र के साथ दिनांक 17 जनवरी 2006 को हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार सम्पन्न हुयी थी।
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उसकी पुत्री चन्द्र कला की शादी होते समय से ही व शादी के बाद से ही अभियुक्त योगेन्द्र उर्फ नरेन्द्र उसके पिता धन सिंह एवं उसकी माता सरस्वती देवी, उसकी पुत्री को कम दहेज लाने पर प्रताडित व तंग परेशान करते थे यह बाते उसकी मृतका पुत्री जब मायके आती थी उसे बताती थी व टेलीफोन से भी दहेज कम लाने के बारे में अभियुक्तगण की शिकायत करती थी।
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अभियोजन की ओर से अपने कथन के समर्थन में उप निरीक्षक पनी राम, थाना झूलाघाट को बतौर गवाह पी0डब्ल्यू0-6 परीक्षित कराया गया है जिसने अपने सशपथ बयानों में मुख्य परीक्षा में कहा गया है कि दिनांक 22-1-08 को चन्द्र बहादुर बम ग्राम प्रधान देवत की टेलीफोन द्वारा सूचना मिली कि उनके गॉव की लडकी श्रीमती चन्द्र कला पत्नी योगेन्द्र सिंह की उसी के घर में दिनांक 21-1-08 को मृत्यु हो चुकी है।
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संक्षिप्त में अभियोजन कहानी इस प्रकार से है कि वादिनी श्रीमती पार्वती देवी पत्नी स्व0 श्री दिवान सिंह ने थाना झूलाघाट जिला पिथौरागढ में दिनांक 23-1-2008 को समय 21-10 बजे एक तहरीरी रिपोर्ट इन कथनों के साथ प्रस्तुत की गयी थी कि प्रार्थिनी की पुत्री श्रीमती चन्द्र कला पत्नी श्री योगेन्द्र उर्फ नरेन्द्र सिंह का विवाह भटेडी निवासी योगेन्द्र उर्फ नरेन्द्र सिंह पुत्र श्री धन सिंह के साथ दिनांक 17-1-2006 को हुआ था।