12 वर्षों बाद भी एसपी की पुण्यतिथि पर आयोजित स्मृति सभा में अगर नए पत्रकार पहुंचे तो केवल इसलिए कि वे एसपी को पत्रकारिता के लिए, कलम के लिए, सरोकार के लिए, मनुष्यता के लिए, साथियों के लिए, संवेदना के लिए, हार्डकोर खबर के लिए लड़ने वाले जुझारू पत्रकार के रूप में ज्यादा जानते हैं, न्यूज मैनेजर और संस्थान चमकाऊ पत्रकार के रूप में कम, जो कि आजकल के कथित मुख्यधारा के ज्यादातर पत्रकार हो गए हैं।