| 11. | विपदादिरूप चमू को जो नष्ट करके आत्मरूप कर लेती है, वही 'चामुण्डा' ब्रहमविद्या है।
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| 12. | तीन पृतनाओं की एक चमू और तीन चमू की एक अनीकिनी होती है.
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| 13. | तीन पृतनाओं की एक चमू और तीन चमू की एक अनीकिनी होती है.
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| 14. | -चमू कृष्ण शास्त्री (संस्कृत भारती,माता मन्दिर गली,झण्डे वाला, नई दिल्ली-55)
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| 15. | सूबन को मेटि दिल्ली देस दलिबे को चमू, सुभट समूह निसि वाकी उमहति है।
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| 16. | शिबिर दायित्ववाली चमू-230 शिबिर कालावधी-12 अक्तूबर से 15 अक्तूबर 12 अक्तूबर 2012 उद्घाटन सत्र-
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| 17. | इस प्रकार तीन तीन गुना कर यथाक्रम गुल्म, गण, वाहिनी, पृतना, चमू और अनीकिनी का संगठन किया जाता था।
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| 18. | उन दिनों ज्ञान का एक ख़ास नारा था-' बंग भग भंग, चमू संग, चतुरंग, जय बजरंग।
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| 19. | इन्होंने युद्धवीर के प्रसंग में चतुरंग चमू, वीरों की गर्वोक्तियाँ, योद्धाओं के पौरुष-पूर्ण कार्य तथा शस्त्रास्त्र आदि का सजीव चित्रण किया है।
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| 20. | जागो फिर एक बार! समर अमर कर प्राण गान गाये महासिन्धु से सिन्धु-नद-तीरवासी! सैन्धव तुरंगों पर चतुरंग चमू संग ; ”
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