बहुत पैना तीर छोड़ा और वो भी ठीक निशाने पर लगा | आर्थिक परेशानियों और लोलुपता के चलते चरित्र परिवर्तन का बड़ा ही स्वाभाविक वर्णन है | और इसमें “ लक्ष्मी ” का कोई दोष नही..
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संघ के निष्ठावान लोगों को लगा कि संघ का भी चरित्र परिवर्तन हो गया है, क्योंकि जब वी पी सिंह की सरकार थी तो उस समय भाजपा और तत्कालीन प्रधानमंत्री के बीच यह बातचीत चल रही थी कि शिलान्यास दूसरी जगह कर लिया जा ए.
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चिन्मय मिशन के संसथापक स्वामी चिन्मयानन्द नें अध्यात्मिक विकास को सीधे चरित्र परिवर्तन से जोड़ा: “अगर हम अपने जीवन को इस तरह से व्यवस्थित करें जिससे कि हम अपने अन्दर की क्षमता को खोज सकें, और हम अपने व्यवहार पर ऐसा नियंत्रण करें जिससे उस क्षमता का पोषण एवं विस्तार हो, तब हमारा जीवन अच्छी तरह व्यतीत होगा.
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मेरा तेरा इसका उसका किसका खेमा कौन! अधकचरे दाल वाला पलीता उठाये एक औरत इधर से उधर दौड़ रही थी (एक आवश्यक विषयांतर-लंबी नाक वाले विशेषज्ञों के लोटा जीप के संभावित पैक्ट वाले मंतव्य के धूमिल पड़ जाने के बाद, लोगों के बीच यह बात गहराने लगी थी कि लोटाछाप के इस चरित्र परिवर्तन के पीछे चक्कों के नीचे आयी लाल कार्डधारी बच्ची की भटकती आत्मा का रोल था।