उस समय चर्मपूरक के लिये अप्राप्त अंश की कड़ी तैयार करना सचमुच ही थकानेवाला कार्य हो जाता है और उस समय उसके लिये अपने विशिष्ट ज्ञान का भरपूर प्रयोग अत्यावश्यक हो जाता है।
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उस समय चर्मपूरक के लिये अप्राप्त अंश की कड़ी तैयार करना सचमुच ही थकानेवाला कार्य हो जाता है और उस समय उसके लिये अपने विशिष्ट ज्ञान का भरपूर प्रयोग अत्यावश्यक हो जाता है।
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क्योंकि इसके लिय चर्मपूरक का भूगर्भ विज्ञान तथा युग युग के प्राणियों के क्रमिक विकास और ऐसे जीवित प्राणियों की, जिनका फॉसिल से सादृश्य हो, शारीरिक रचना तथा स्वभाव का अध्ययन करना आवश्यक होता है।
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क्योंकि इसके लिय चर्मपूरक का भूगर्भ विज्ञान तथा युग युग के प्राणियों के क्रमिक विकास और ऐसे जीवित प्राणियों की, जिनका फॉसिल से सादृश्य हो, शारीरिक रचना तथा स्वभाव का अध्ययन करना आवश्यक होता है।
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के लिये तैयार करना होता है तो सिर और गर्दन का सन या रूई से भरकर धड़ भाग को कसे या ढीले, कृत्रिम ढाँचा कसा हो या ढीला, यह चर्मपूरक की अपनी दक्षता पर निर्भर करता है।
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त्वचा को यदि किसी कैबिनेट (cabinet) के लिये तैयार करना होता है तो सिर और गर्दन का सन या रूई से भरकर धड़ भाग को कसे या ढीले, कृत्रिम ढाँचा कसा हो या ढीला, यह चर्मपूरक की अपनी दक्षता पर निर्भर करता है।