बड़े दुकानदारों से आशय उन व्यवसायियों तथा वाणिज्यिक संस्थानों से है जिनके पास पूंजी का बफर स्टाॅक है, जो किसी उदीयमान कालोनी में दुकान खरीदकर उसके विकसित होने का इंतजार कर सकते हैं, जो व्यावसायिक स्थलों पर बड़े शोरूम खोलकर चल पूंजी को अपनी ओर खींचने तथा अपने उत्पादों के लिए नई जरूरतें क्रिएट करने का सामथ्र्य रखते हैं.
12.
इस राशि वालो के लिये परिवार से दूरी और अपने ही लोगो से विचारो के नही मिलने से आपसी रिस्तो में जमाव माना जा सकता है बेकार के कारण पैदा होने या काम धन्धे को बीच मे आजाने से आपसी बिगाडखाता चालू हो सकता है किसी प्रकार की अचल सम्पत्ति या ऐसे किसी कारक मे धन लगा देने से चल पूंजी का फ़्रीज होना माना जा सकता है इसी फ़्रीजिंग के कारण ही घरेलू और पारिवारिक रिस्ते खराब होने की बात भी सामने आ सकती है।