| 11. | प्रस्तुत केस में मार खाने वालों ने बयान दिया एवं मौखिक साक्ष्य एवं चिकित्सीय साक्ष्य में कोई विसंगति नहीं है।
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| 12. | अतः केवल चिकित्सीय साक्ष्य के आधार पर उसे सोलह वर्ष से कम आयु का होना प्रमाणित नहीं माना जा सकता है।
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| 13. | पी. डब्ल्यू-2 का यह बयान जैसा कि पूर्व ही उल्लिखित किया जा चुका है, पंचायतनामा व चिकित्सीय साक्ष्य के विपरीत है।
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| 14. | इस बिन्दु पर पी. डब्ल्यू-1 ता पी. डबल्यू-3 के बयान चिकित्सीय साक्ष्य के विपरीत होने के कारण विश्वसनीय नहीं पाया जाता है।
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| 15. | परिवादी की साक्ष्य में अत्यन्त विरोधाभाष है तथा परिवादी द्वारा उसे आयी चोटों को चिकित्सीय साक्ष्य द्वारा साबित नहीं कराया गया है।
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| 16. | इस प्रकार वादी द्वारा जो चोट घटना मे आना बताया गया है उसका समर्थन चिकित्सीय आख्या एवं चिकित्सीय साक्ष्य से पूर्ण रूप से होता है।
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| 17. | राम लखन के केस में गवाह के कथन और चिकित्सीय साक्ष्य में सन्धार्यणीय विसंगति थी, इसलिए माननीय उच्च न्यायालय मुल्जिमान को शंका लाभ दिया था।
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| 18. | अभियुक्तगण की ओर से यह तर्क प्रस्तुत किया गया है कि वादी द्वारा जो चोटे पहुचायी गयी है उसका समर्थन चिकित्सीय साक्ष्य से नही होता है।
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| 19. | इसके अतिरिक्त जिस हथियार छुरी से मृतका की हत्या करना बताया गया है उन चोटों की पुष्टि चिकित्सीय साक्ष्य व डाक्टरी रिपोर्ट से भी हो जाती है।
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| 20. | अभियुक्तगण की ओर से यह तर्क प्रस्तुत किया गया है कि वादिया पी0डब्लू0-1 द्वारा जो चोटे बतायी गयी है उसका समर्थन चिकित्सीय साक्ष्य से से नही होता है।
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