धारा नापने के पूर्व धारामापी के आधार को क्षैतिज कर लेते हैं और कुंडली के समतल को घुमाकर चुंबकीय याम्योत्तर में ले आते हैं।
12.
चाप, पट्ट और परिच्छद क्षैतिज दिशा में चुंबकीय याम्योत्तर के लगभग समकोण की दिशा में फैलते हैं और किरणधाराएँ चुंबकीय बलरेखाओं के साथ साथ न्यूनाधिक क्षैतिज दिशाओं में फैलती हैं।
13.
चाप, पट्ट और परिच्छद क्षैतिज दिशा में चुंबकीय याम्योत्तर के लगभग समकोण की दिशा में फैलते हैं और किरणधाराएँ चुंबकीय बलरेखाओं के साथ साथ न्यूनाधिक क्षैतिज दिशाओं में फैलती हैं।
14.
चुंबकीय याम्योत्तर और दिक्सूचक के पाठ्यांक में यह दूसरे प्रकार की त्रुटि, जिसे विचलन कहते हैं, स्थानीय चुँबकीय प्रभावों (जैसे जलयान, वायुयान एव मोटरकार के इस्पात के प्रभाव) द्वारा उत्पन्न होती है।
15.
2. विचलन (Deviation)-चुंबकीय याम्योत्तर और दिक्सूचक के पाठ्यांक में यह दूसरे प्रकार की त्रुटि, जिसे विचलन कहते हैं, स्थानीय चुँबकीय प्रभावों (जैसे जलयान, वायुयान एव मोटरकार के इस्पात के प्रभाव) द्वारा उत्पन्न होती है।
16.
जब उपकरण के घूर्णन का समतल चुंबकीय याम्योत्तर में हो, तब सुई उस स्थान की परिणामी चुंबकीय क्षेत्र की दिशा में स्थिर हो जाती है और एक ऊर्ध्वाधर वृत्ताकार मापनी का डिप का कोण या नति का संकेत करती है।
17.
जब उपकरण के घूर्णन का समतल चुंबकीय याम्योत्तर में हो, तब सुई उस स्थान की परिणामी चुंबकीय क्षेत्र की दिशा में स्थिर हो जाती है और एक ऊर्ध्वाधर वृत्ताकार मापनी का डिप का कोण या नति का संकेत करती है।