जो नए घर बनते उन पर भी लोग स्लेटों की छवाई किया करते जिससे उनका ठेठ देहातीपन बना रहता था।
12.
मंदिर शिखर शैली में बना था जिसकी सात घुमावदार स्लेट से छवाई छतरीनुमा छत आसमान की ओर नुकीली हो जाती थी।
13.
छाजन (सं.) [सं-स्त्री.] 1. छाने की क्रिया, भाव या मज़दूरी ; छवाई 2.
14.
उन्होंने लिखा है-घर की छवाई इतनी खराब थी कि कमरे से रात में तारे दिखते थे और दिन में आसमा न.
15.
हुज्जत मैंने बहुत सी की, उनको यहाँ बुलाने की बार-बात सहमत भी हुई कोशिश में उन्हें रिझाने की कुटिया भी मैंने बहुत छवाई, उन्हें यहाँ ठहराने की लेकिन वो तो तेरे दीवाने, कदर नहीं आशियाने की सजनी का दुःख देख पसीजा, भावुक दिल इस ज़ील का निंदक को कुछ कम न समझो, पत्थर है वो मील का