शाम को घर आया ऊपर-ऊपर सुरक्षित-साबूत अंदर से जगह-जगह छिलन-खँरोंचे-खराश।
12.
मसूड़ों पर होने वाली छिलन भी अधिक समरूप से वितरित होती है, जिससे ऊतक का अनुकूलन भी अधिक समरूपी होता है.
13.
एक, धातु को फाड़ना, दूसरा छिलन को दबाकर दूर करना और तीसरा फाड़ी हुई खुरदरी जगह को साफ कर चिकना बनाना।
14.
स्किन होली के रंगों से डिस्कलरेशन यानी बद-रंग, कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस, अब्रेशन यानी छिलन या खरोंच, खुजली, रूखापन जैसी प्रॉब्लम्स हो सकती हैं।
15.
गले से सम्बन्धित लक्षण:-गले में गुदगुदी होना तथा चिढ़ मचना, छिलन महसूस होना और खुरदरेपन का एहसास होना।
16.
परिचय-ग्रसनीशोथ (भोजननली) हो जाने के कारण रोगी को खाने में परेशानी होती है, गले में दर्द होता है, गले में छिलन होना।
17.
सबसे पहले उस पौधे के अन्य गुलाबों को भी छिलन सी महसूस हुई, उन्होंने उसे समझाया कि कांटों का उपयोग शत्रुओं के लिए किया जाना चाहिए मित्रों के लिए नहीं ।
18.
(12) प्रसव के समय योनि में क्षत (घाव या छिलन) होने पर लोध्र का महीन पिसा चूर्ण शहद में मिलाकर योनि के अन्दर लगाने से क्षत ठीक होते हैं।
19.
नाक की जड़ पर तेज दर्द तथा जलन होना और नाक से बादामी या शहद की तरह पीब निकलना तथा जिसके निकलने से नाक की जड़ पर छिलन हो जाता है इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए आर्सेनिक आयोडाइड औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
20.
कंठ (गले) से सम्बन्धित लक्षण:-गले में खुश्की होना, दर्द होना, खाना को निगलते समय अधिक कष्ट होना, छिलन महसूस होना, गला साफ करने की बार-बार कोशिश करना आदि इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए एरम ड्रैकोण्टियम औषधि का प्रयोग करना चाहिए।