लेखनी और वाणी जो घिसे-पिटे शब्दों में पेशेवर लोगों द्वारा प्रस्तुत की जाती है, मस्तिष्क तक एक छोटी लहर पहुँचा कर वायु मण्डल में तिरोहित हो जाती है।
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लेकिन मैं उस नन्ही छोटी लहर को जीवन के अधिक समीप पाता हूँ, वह नन्ही लहर,जो दूर किसी छोर से जन्म पाती है और उसी पल से नन्हें संघर्ष की कथा शुरू [...]
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एक ऊंची सी समुद्र किलाहर दूसरी छोटी लहर से इठलाकर बोली की मुझे देखो, मैं कितनी बड़ी और ताकतवर हूं, और फिर कुछ भी क्षणों उपरांत वह समुद्र के किनारे पड़े एक पत्थर से टकराई और शांत हों गई।
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लेकिन मैं उस नन्ही छोटी लहर को जीवन के अधिक समीप पाता हूँ, वह नन्ही लहर, जो दूर किसी छोर से जन्म पाती है और उसी पल से नन्हें संघर्ष की कथा शुरू हो जाती है संघर्ष यही है ‘