सत के प्रभाव से भी शरीर में निष्क्रियता उत्पन्न होती है परंतु भारीपन, आलस्य, निंद्रा एवं मोह वृत्ति के स्थान पर हल्कापन, स्फूर्ति, जागृति एवं त्याग भावना होती है सत के प्रभाव से मनुष्य जड वस्तु के अभाव में भी सुख का अनुभव करता है परंतु तम के प्रभाव के कारण जड वस्तुओं के अभाव में घोर दुःख का अनुभव करता है ।