पाश्चात्य जनतंत्रवादी संविधानों के अनुसार संधि पुष्टीकरण के लिए यह अनिवार्य है कि कार्यकारिणी के प्रधान की स्वीकृति के अतिरिक्त किसी रूप में विधायिनी सहमति भी प्राप्त की जाए।
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ग्लोबलाइजेशन विरोधी, युद्ध विरोधी, पर्यावरणवादी, स्त्रीवादी और जनतंत्रवादी संघर्षों के पक्ष में विश्वस्तर पर जनता और संगठनों को गोलबंद करने और जागृति पैदा करने में इंटरनेट सबसे आगे है।
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पाश्चात्य जनतंत्रवादी संविधानों के अनुसार संधि पुष्टीकरण के लिए यह अनिवार्य है कि कार्यकारिणी के प्रधान की स्वीकृति के अतिरिक्त किसी रूप में विधायिनी सहमति भी प्राप्त की जाए।