त ठीके सोच रहे हैं आपलोग! हम सचमुच पगला गए हैं! जब से सुने हैं की “ प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ” को मंदमोहन दद्दा हरा झंडी देखा दिए हैं तब से माथा एकदम गरमाया हुआ है! उ कहते हैं न ” सांय के लोर सौतिन पर ” उहे हाल है हमरा! जगह जगह पर वाल मार्ट खुलेगा! सोचने वाला बात है की किसका फायदा होगा! सरकार कह रही है की भारत और भारत की जनता का फायदा होगा!
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सरकार आम जनता का फायदा नहीं सिर्फ अपना फायदा देखती है, नीतियाँ ऐसे लोगों के लिए बनती हैं, जिससे सरकार को फायदा हो, रात का अँधेरा हो या दिन का उजाला, ऐसे कूड़ा बीनने वाले लोगों और गरीबों के लिए कोई नीति नहीं बनती, बेरोजगारी भत्ते का सच भी आप बखूबी समझ रहे हैं, यहाँ पैसे से पैसा खींचा जा सकता है, जिसके पास पैसा नहीं वह तो पैसा भी ठीक से कमा नहीं सकता! विचारणीय लेख है आपका