श्री सुन चिन कुंग ने कहा कि भावी कार्यों में देश के विभिन्न जन न्यायालय जनता के विचारों की वास्तविक मांग के अनुसार, जनता के साथ संपर्क का अधिक विस्तार करेगी और जनता द्वारा प्रदत्त शिकायतों व मामलों का समय पर निपटारा करेगी और इस से निकले परिणामों को सार्वजनिक रूप से जनता को सूचित करेगी।
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2 जून को चीनी सर्वोच्च जन न्यायालय ने अपनी दूसरी मासिक नियमित न्यूज ब्रिफिंग का आयोजन किया, चीनी जन न्यायालय के सूचना प्रवक्ता सुन चिन कुंग ने कहा कि समय पर सूचना को खुलासा करने, सूचना जारी व्यवस्था को परिपूर्ण करने, वास्तव में जनता की अभिलाषा के साथ संपर्क को मजबूत करने के कार्यों को महत्वपूर्ण प्रगति मिली है।
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2 जून को चीनी सर्वोच्च जन न्यायालय ने अपनी दूसरी मासिक नियमित न्यूज ब्रिफिंग का आयोजन किया, चीनी जन न्यायालय के सूचना प्रवक्ता सुन चिन कुंग ने कहा कि समय पर सूचना को खुलासा करने, सूचना जारी व्यवस्था को परिपूर्ण करने, वास्तव में जनता की अभिलाषा के साथ संपर्क को मजबूत करने के कार्यों को महत्वपूर्ण प्रगति मिली है।
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अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ निषिद्ध दिवस की पूर्वबेला में चीनी सर्वोच्च जन न्यायालय के उपाध्यक्ष चांग चुन ने 25 तारीख को पेइचिंग में बताया कि केटामीन व मेटाडोन जैसे नये मादक पदार्थों के अपराध बढने के मद्देनजर चीन के विभिन्न स्तरों के न्यायालय सार्वजनिक सुरक्षा संस्थाओं के साथ घनिष्ठ सहयोग कर स्रोत पर ही मादक पदार्थ फैलाव की रोकथाम करने की कोशिश करेंगे ।
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इस साल की अप्रेल को चीनी सर्वोच्च जन न्यायालय ने जनता की मांग को प्रगाढ़ करने को लेकर एक दस्तावेज में चीन की विभिन्न स्तरीय न्यायालयों से इ-मेल व न्यायधिशों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने वाली केन्द्र वेबसाइट आदि माध्यमों के जरिए जनता की मांग के साथ घनिष्ठ संपर्क करने पर बल दिया, इन तरीकों से न्यायालय को अपने कार्यों में प्रारम्भिक उपलब्द्धियां हासिल हुई हैं।
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यह एक विडम्बना है कि जनता को न्याय जन-भाषा में नहीं मिलता है, यद्यपि संविधान में प्रारम्भ से ही यह व्यवस्था संजोयी गई कि जन न्यायालय की भाषा जन-भाषा ही रहेगी परन्तु लगभग तीस वर्षों में एक पूरी पीढ़ी बीत जाने पर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने वाला वादकारी स्वयं नहीं समझ पाता है कि उसके भाग्य का निर्णय ‘ क्या ‘ और ‘ क्यों ‘ हुआ!
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उन्होने कहा सर्वोच्च जन न्यायालय गैरकानूनी कार्यवाही के जिम्मेदार व्यक्तियों की पूछताछ व्यवस्था के सुधार व परिपूर्ण कार्य को अपने इस साल का प्राथमिक कार्य तय करेगी, इस पर न्यायालय विशेष जांच करने के साथ जन न्यायालयों की अन्दरूनी निगरानी को प्रबल करेगा, ताकि कारगर रूप से कानूनी कार्यवाही व कानून अधिकार का अंधाधुंध प्रयोग करने से बचा जा सके और न्याय की निष्पक्षता व पवित्रता को सुनिश्चता प्रदान करने के उपाय व तरीके अपनाए जाए और न्याय की पवित्रता को कायम रखा जाए।
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यह एक विडम्बना है कि जनता को न्याय जन-भाषा में नहीं मिलता है, यद्यपि संविधान में प्रारम्भ से ही यह व्यवस्था संजोयी गई कि जन न्यायालय की भाषा जन-भाषा ही रहेगी परन्तु लगभग तीस वर्षों में एक पूरी पीढ़ी बीत जाने पर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने वाला वादकारी स्वयं नहीं समझ पाता है कि उसके भाग्य का निर्णय ‘क्या‘ और ‘क्यों‘ हुआ! ‘आज भी उच्च न्यायालय में अंग्रेजी का बोलबाला है और कदाचित् अंग्रेजी का प्रयोग समाज में एक विशिष्ट प्रकार का वर्गभेद स्थापित करता चला जा रहा है।