लेकिन यह भी सच है कि विद्या बालन के बिना फ़िल्म का उतना ज़िन्दा होना बहुत मुश्किल होता.
12.
“किसी के चले जाने से ज़िन्दगी रूकती नहीं है बार-बार ज़िन्दा होना ही पड़ता है खुद के वज़ूद के लिये.........”
13.
14-मुर्दों को ज़िन्दा करना और रजअत (मरने के बाद ज़िन्दा होना) इसी दुनिया में हो चुका है।
14.
तो क़ुदरत का यह फ़ैज़ देखने के बाद किसी मख़लूक़ का मरने के बाद ज़िन्दा होना ऐसे क़ुदरत रखने वाले की ताक़त से दूर नहीं.
15.
ज़िन्दा होना इस्लामी है कि ग़ैर इस्लामी? मैं जानता था कि जय शब्द के भीतर मूल अर्थ 'विपक्षी के पराभव' का है और प्रचलित अर्थ अभिवादन और प्रणाम का है।
16.
अगर मौत के बाद किसी का ज़िन्दा होना संभव हो और यह उनकी जाहिलाना बात थी क्योंकि जिस काम के लिये समय निर्धारित हो उसका उस समय से पहले वुजूद में न आना उसके असंभव होने का प्रमाण नहीं है और न उसका इन्कार सही होता है.
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बिना गरज़ के कभी कोई भी काम नहीं करते __________कदाचित इसीलिए हमें बार बार मरने को बार बार ज़िन्दा होना पड़ता है छोटी छोटी दुनियावी बातों पर बारहा शर्मिन्दा होना पड़ता है मुझे भी भ्रम है कि मैं अपने फ़न-ओ-हुनर से उजाला बांटता हूँ जबकि सच तो ये है कि अपने वजूद के लिए औरों को काटता हूँ
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बिना गरज़ के कभी कोई भी काम नहीं करते __________ कदाचित इसीलिए हमें बार बार मरने को बार बार ज़िन्दा होना पड़ता है छोटी छोटी दुनियावी बातों पर बारहा शर्मिन्दा होना पड़ता है मुझे भी भ्रम है कि मैं अपने फ़न-ओ-हुनर से उजाला बांटता हूँ जबकि सच तो ये है कि अपने वजूद के लिए औरों को काटता हूँ