ओल्ड टेस्टामेंट के जेनेसिस पाठ के छठे से लेकर नौवें सूक्त में लिखा गया है कि आदम और ईव को पृथ्वी पर भेजने के पश्चात मनुष्यों की अगली पीढी के कुकृत्यों से दुखी होकर ईश्वर जिहोवा ने संसार को नष्ट करने की सोची।
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ओल्ड टेस्टामेंट के जेनेसिस पाठ के छठे से लेकर नौवें सूक्त में लिखा गया है कि आदम और ईव को पृथ्वी पर भेजने के पश्चात मनुष्यों की अगली पीढ़ी के कुकृत्यों से दुखी होकर ईश्वर जिहोवा ने संसार को नष्ट करने की सोची।
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इस प्रकरण में सवाल यह था कि क्या जिहोवा ' स विटनेसेस के नाम से जाने जाने वाले धार्मिक समूह से सम्ब(स्कूल के छात्रों को नेशनल एंथेम गाने के लिए बाध्य करना संविधान के अनुच्छेद 25 एवं 26 के अंतर्गत प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है?
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पादरी लोगों की दुकान का क्या होगा? यदि सभी लोग कृष्ण या गीता की शरण में चले गए तो बेचारे पादरी क्या करेंगे? भोले पादरी लोग इस श्लोक का मतलब भी ठीक से समझ नहीं पाए? इसका अर्थ इतना ही है कि हर मनुष्य का आखिरी सहारा ईश्वर ही है | ईश्वर, अल्लाह, गॉड, जिहोवा, अहुरमज्द में फर्क क्या है?
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मातृभूमि की जो पूजा करेगा, क्या वह यह मानेगा कि उसके दो अल्लाह हैं, दो इश्वर हैं, दो गॉड हैं, दो जिहोवा हैं, दो अहोरमज्द हैं? बिलकुल नहीं | दो ईश्वर तो हो ही नहीं सकते | यदि मातृभूमि पूज्य है तो अल्लाह परमपूज्य है | दोनों में न तो कोई तुलना है न बराबरी है | इसलिए वन्दे मातरम् को तौहीद के विरूद्व खडा करना और उसे इस्लाम-विरोधी बताना बिलकुल भी तर्कसंगत नहीं लगता | जह
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वह, जो हिंदुओं का बह्म, पारसियों का अहुर्मज्द, बौद् धो का बुद् ध, यहूदियों का जिहोवा और ईसाइयों का स्वर्गस्थ पिता हैं, आपको अपने उदार उद् देश्य को कार्यंवित करने की शक् ति प्रदान करे! नक्षत्र पूर्व गगन में उदित हुआ और कभी धुँधला और कभी देदीप्यमान होते हुए धीरे धीरे पश् चिम की ओर यात्रा करते करते उसने समस्त जगत् की परिक्रमा कर डाली और अब फिर प्राची के क्षितिज में सहस्र गुनी अधिक ज्योति के साथ उदित हो रहा हैं!