इतिहासकारों ने इनके द्वारा किए गए देशाटन से सम्बंधित अनेक प्रसंगों का उदाहरण दिया है भुताबावड़ी, नागौर, अधरशीला, सिंह का पर्चा, आमेर, हाथीभटा अजमेर, जीवदान सिंघाना, विश्वपान जोबनेर आदि के अलावा डीडवाना का पीपली मंदिर आज भी मौजूद है।
12.
क्या केंद्र और राज्य की एंटी इनकम्बैंसी का यह संगम घातक नहीं होगा? क्या लालू का पराभव नीतीश को जीवदान देगा? एक रोचक सवाल और है क्या लालू भाजपा के साथ जाएंगे? राजनीति में सारी संभावनाओं के दरवाज़े खुले रहते हैं.