भुवन जी आपने कारण तो बता ही दिया “ऐसा इसलिए कि मैं जब भी सोचता हूं कि क्यों नहीं पूरा देश इस सरकार के इन राष्ट्रविरोधी फैसलों के खिलाफ उठ खड़ा होता है, तो मेरे सामने दिल्ली की झुग्गियों में खुली नालियों के किनारे खेलते बच्चे, विदर्भ के किसानों का जीवन से हारा चेहरा, डिस्कोथेक में शराब के पैग के साथ झूमते अति संपन्न युवाओं का बेतकल्लुफ अंदाज,................” | और बड़ा सटीक लिखा है आपने |