अब तक क्रिकेट विश्वकप में हुए भारत व पाकिस्तान के बीच हुए मुकाबलों पर नजर डालते ही यह बात सहज समझ में आ जाती है कि भारतीय टीम के लिए पाकिस्तान को हराना लोहे के चने चबाने जैसा बिल्कुल नहीं है।
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अब तक क्रिकेट विश्वकप में हुए भारत व पाकिस्तान के बीच हुए मुकाबलों पर नज़र डालते ही यह बात सहज समझ में आ जाती है कि भारतीय टीम के लिए पाकिस्तान को हराना लोहे के चने चबाने जैसा बिल्कुल नहीं है।
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टैगोर की कृति पर नाटक करने की भारी ' स्पांसरशिप‘ न मिली होती तो यह नाटक उनके चयन की पसंद में आता या नहीं, की चर्चा दीगर है, पर जब बन ही गया है, तो यह निर्विवाद है कि 'हबीब साहब के नाटक‘ जैसा बिल्कुल नहीं बन पाया है।