| 11. | ये निरेंद्रियां (ज्ञानेंद्रिय विहीन यानी अज्ञान), अमंत्रा, (पाप दूर करने वाले जप-मंत्रों से रहित) हैं।
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| 12. | प्रत्येक ज्ञानेंद्रिय किसी विशेष गुण का चरिचय देती है-आँख रूप का, कान शब्द का, नाक गंध का।
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| 13. | वास् तव में साँप की जबान ज्ञानेंद्रिय के रूप में प्रयुक् त होती है, यह विश् वास किया जाता है।
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| 14. | इन 24 तत्वों में 5 ज्ञानेंद्रिय, 5 कर्मेंद्रिय, 5 महाभूत, 5 तन्मात्रा, 4 अन्त: करण शामिल है।
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| 15. | इसका कारण ग्रंथिस्राव की सहज क्रिया का, अर्थात् संलग्न नसों का रूप, शब्द विशेष की ज्ञानेंद्रिय से एक नवीन अवांतरित संयोग होता है।
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| 16. | इसका कारण ग्रंथिस्राव की सहज क्रिया का, अर्थात् संलग्न नसों का रूप, शब्द विशेष की ज्ञानेंद्रिय से एक नवीन अवांतरित संयोग होता है।
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| 17. | कहते हैं कि जिस व्यक्ति में यह छठी ज्ञानेंद्रिय होती है वह जान लेता है कि दूसरों के मन में क्या चल रहा है।
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| 18. | कहते हैं कि जिस व्यक्ति में यह छठी ज्ञानेंद्रिय होती है वह जान लेता है कि दूसरों के मन में क्या चल रहा है।
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| 19. | -डॉ. डीपी अग्रवा ल मनुष्य के कान एक महत्वपूर्ण ज्ञानेंद्रिय हैं, जो मुख्यतः दो कार्य करते हैं: 1. सुनना या शब्द श्रवण 2.
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| 20. | ज्ञानेंद्रिय शिक्षण के लिये कई शिक्षण यंत्र हैं जिनमें स्वयं भूल का नियंत्रण या, सुधार होता है और जो बच्चे को स्वयं शिक्षा देनेवाले हैं।
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