मैं भी सोने की कोशिश करने लगा पर नींद थी कि आने का नाम ही नहीं ले रही उधर लॅंड कुछ देर पहले के सीन को याद कर के टनटनाता जा रहा था।
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मैं भी सोने की कोशिश करने लगा पर नींद थी कि आने का नाम ही नहीं ले रही उधर लॅंड कुछ देर पहले के सीन को याद कर के टनटनाता जा रहा था।
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राजीव मित्तल पहले जब कोई धोबी शक्ति के केन्द्र में लटका जहांगीरी घंटा टनटनाता था तो मुगल साम्राज्ञी नूरजहां तक की जानपर बन आती थी, और अब वहां से किसी फोन की घंटी टनटनाती है तो सीवान के उस जनप्रतिनिधि को फिर शासक का ताज पहना दिया जाता है, जो जनता के लिए खौफ, लोकतंμा के लिए मजाक और राजनीति के लिए माफिया बना हुआ है।
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कभी कभी न जाने कैसे क्या से क्या हो जाता है जब मुश्किल हो जाता है सही और गलत में फ़र्क करना और कोई नामालूम शक उठाता है सिर जब तब डराता है रात बिरात सुनसान सन्नाटे में बजने लगता है गजर सा घनघनाटा, टनटनाता उकेर जाता है जाने कैसे कैसे दुस्वप्न मनभित्तियों पर शांत झील में डाल देता है खलल आसमान धूसर हो जाता है / तब सूरज धुंधला जाता है बुझने लगती हैं तारों की भी रोशनियां हरियाली भी देने लगती है ताप सब कुछ जंगल हो जाता है!!................