वैज्ञानिक अनुमान लगते हैं की टाइटेनिआ पर शायद काफ़ी भूकम्पों के आने से बहुत से गढ्ढे भरे जा चुके हैं और अब नज़र नहीं आते।
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इसके मुक़ाबले में पृथ्वी के चन्द्रमा का व्यास लगभग ३, ४७४ किमी है, यानि की टाइटेनिआ का अकार हमारे चन्द्रमा के आधे से ज़रा छोटा है।
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सब से पहले ब्रिटिश वैज्ञानिक विलियम हरशॅल ने १७८७ में अरुण के सब से बड़े दो चंद्रमाओं-टाइटेनिआ और ओबेरॉन-की पाए जाने की घोषणा की थी।
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सब से पहले ब्रिटिश वैज्ञानिक विलियम हरशॅल ने १ ७ ८ ७ में अरुण के सब से बड़े दो चंद्रमाओं-टाइटेनिआ और ओबेरॉन-की पाए जाने की घोषणा की थी।
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वॉयेजर द्वितीय यान के जनवरी १९८६ में अरुण के पास से गुज़रने पर टाइटेनिआ की बहुत से तस्वीरें ली गयी जिनके ज़रिये इसकी सतह के लगभग ४०% हिस्से के नक्शे बनाए जा चुके हैं।