दरअसल होली टेकरा टंकी भरने और इस इलाके के अन्य मोहल्लों में डायरेक्ट सप्लाय करने के लिए जिस मतरकुंड का इस्तेमाल किया जा रहा है, वहां फिल्ट्रेशन बंद हो चुका है।
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३ ० बजे शोभा यात्रा शहर के भारत सेवाश्रम संघ परिसर से प्रस्थान करेगी और स्वस्तिक चौराहा, गुलबाई टेकरा चौराहा, पंचवटी पांच रास्ते, आंबावाडी सर्कल, परिमल गार्डन चौराहा, अंडरब्रिज, विश्व हिन्दू परिषद कार्यालय होते हुए भारत सेवाश्रम संघ लौट आएगी।
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विश्वस्त सूत्रों के अनुसार अठारहवीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में बंगाल के मालदह जिले के अन्तर्गत तत्कालीन गोलाघाट के महन्त स्वामी लवंग गिरि के शिष्य सन्त कुशल गिरि (मौनी बाबा) तीर्थाटन के क्रम में प्रयोग आये और फिर वहाँ से काशी आकर टेकरा मठ के सामने रहने लगे।
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विश्वस्त सूत्रों के अनुसार अठारहवीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में बंगाल के मालदह जिले के अन्तर्गत तत्कालीन गोलाघाट के महन्त स्वामी लवंग गिरि के शिष्य सन्त कुशल गिरि (मौनी बाबा) तीर्थाटन के क्रम में प्रयोग आये और फिर वहाँ से काशी आकर टेकरा मठ के सामने रहने लगे।
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डुमरिया (गया): गुरुवार रात गया जिलान्तर्गत डुमरिया थाने के टेकरा कला गाव से नक्सलियों ने किसान सहदेव यादव को अगवा कर लिया। शेष परिजनों को बाहर निकालकर मकान में ताला लटका दिया। गांव वालों को मकान नहीं खोले जाने की चेतावनी दी गई है। सहदेव के परिजन व बच्चे भूख-प्यास से बिलबिला रहे हैं, लेकिन नक्सलियों के खौफ के कारण कोई ग्रामीण मदद नहीं कर पा रहा। परिजन भी पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने से कतरा रहे हैं। ग्रामीणों के मुताबिक हथियारबंद 20-25 नक्सली कई मोटरसाइकिलों से गांव आए। सहदेव के पुत्र
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निज प्रतिनिधि, डुमरिया (गया): डुमरिया प्रखंड के महुडी पंचायत के अंतर्गत टेकरा कला गाव निवासी सहदेव यादव के घर में दूसरे दिन ताला लटका रहा। 36 घटे के बाद तक डुमरिया पुलिस नक्सली माओवादी के कब्जे से पुलिस सहदेव यादव को मुक्त कराने में असफल रही है। नक्सली भय के कारण परिजन डुमरिया थाने में किसी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं करा सकी है। घर में तालाबंदी के कारण छोटे बच्चे एवं महिलाएं भूखी है। ग्रामीण नक्सली कार्रवाई को कोस रहे हैं। सहदेव यादव के तीन पुत्र रोजी रोटी की तलाश में दूस
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निज प्रतिनिधि, डुमरिया (गया): गया के डुमरिया थाना के टेकरा कला गाव से गुरुवार की रात एक नक्सली संगठन ने किसान सहदेव यादव का रात आठ बजे अपहरण कर लिया। अपहरण के बाद घर के सभी सदस्यों को बाहर निकाल कर मकान में तालाबंद कर दिया। परिजन व बच्चे भूखे-प्यासे वहीं बिलबिला रहे हैं। नक्सलियों के डर से गाव वाले इन परिजनों को प्रश्रय भी नहीं दे रहे है। ग्रामीणों ने बताया कि अपहरणकर्ताओं की संख्या 20 से 25 के बीच थी। सभी हथियार से लैस व मोटरसाइकिल पर सवार थे। गाव में आकर नक्