वह जिस मार्ग पर तन्हा निकल पडी थी वह टेढा-मेढा, कांटों भरा और और हर कदम पर औरों के तानों के चुभने वाले शूल थे ।
12.
पहले परिवार में बेटे का खास रुतबा होता था, तभी तो-घी का लड्डू टेढा-मेढा भला, मुहावरा अयोग्य और अनाकर्षक व्यक्तित्व वाले बेटों के तुष्टिकरण के लिए गढा गया था।
13.
दूसरे खण्ड का शीर्षक है “ जिगजेग्स टू अल्लाहज़ किंगडम “ (अल्लाह तक पहुंचने का टेढा-मेढा रास्ता) और तीसरे का अपोजीशन एण्ड निगोसिएशन “ (विरोध व वार्ता) ।
14.
मगर उस का रस टेढा-मेढा नहीं होता, ऐसे में तुम ऊपरी दिखावे पर क्यों मोहित हो रहे हो माई ने जैसे ही पहला चरण गाया, उनके पीछे खडी कुसुम ने सम पकडकर स्वर बढाया।
15.
एक तृषार्त राजा की कहानी, अपने रसीले अंदाज में उन्होंने सुनाई और अपने मूल विषय की ओर आकर कहा, चोखा डोंगा है, मतलब टेढा-मेढा है, काला कलूटा है, पर उसकी अंतरात्मा सच्चे भक्तिभाव से परिपूर्ण है।
16.
इस झरने की खासियत ये है कि दरार नुमा गुफा के अन्दर खड़े होकर जाने लायक टेढा-मेढा रास्ता बना कर, लगभग एक किलोमीटर अन्दर प्रकृति के करिश्मे को दर्शनीय स्थल के रूप में विकसित किया गया है.
17.
जैसे मछलियोंवाला, और वो कई तरह के आईनोंवाला जिसमेंअपने ही रूप तरह-तरह के दिखाई पडते हैं-कहीं मोटा, कहीं एकदम पतला, कहीं टेढा-मेढा और ऐसी-ऐसी अजीब बेमेल सी शक्ल जो अपनी हो भी और अपनी नहीं भी लगे ।
18.
उंचा-निसा डांडों मां, टेढा-मेढा बाठों मां ' … गैरसैंण में राजधानी के मुद्दे पर ‘ तुम भि सुणा, मिन सुण्यालि ' …, गढवाल के इतिहास का बोध कराने के लिये ‘ बावन गढों को देश, वीर भडो को देश ' … मायके की याद में ‘ घुघूती घूराण लगी म्यरा मैत की ' … पर्वतीय नारी की दर्दनाक दिनचर्या का बखान करने के लिये ‘ ना जा, ना जा तू भेल-पाखा ' … जैसे अनेक गीतों की रचना और गाकर अपने सामाजिक और राजनीतिक सरोकारों की अभिव्यक्ति की.