| 11. | फिर तू क्यों राम-राम की टेर लगाए है?
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| 12. | टेर रहा है दंभतमघ्नी मुरली तेरा मुरलीधर ।२३४।
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| 13. | अभिलाषा-नरसीलो टेर लगावे जी,...
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| 14. | टेर रहा अक्षयसुखकोषा मुरली तेरा मुरलीधर ॥ २२५॥
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| 15. | रंगालेखन टेर रहा है चित्रमालिनी मुरली तेरा मुरलीधर।।136।।
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| 16. | कोई बैठा तेरे आंगन नाम की टेर सुनाये।
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| 17. | टेर रहा है प्राणस्पर्शिनी मुरली तेरा मुरलीधर ॥२२८॥
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| 18. | टेर रहा नख-शिखा पावनी मुरली तेरा मुरलीधर ॥२२९॥
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| 19. | टेर रहा है द्वंद्वविरामा मुरली तेरा मुरलीधर ॥२५०॥
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| 20. | टेर रहा अस्तित्वबोधिनी मुरली तेरा मुरलीधर ॥ २२३॥
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