मक्का के प्रोटीन ज़ीन (Zeene) में ट्रिप्टोफेन की कमी है और सोयाबीन की प्रोटीन में बहुत अल्प मात्रा में मेथिऑनिन (metheonine) की कमी है।
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ट्रिप्टोफेन एक ऐसा अमीनो एसिड है, जो नींद लाने में सहायक केमिकल सेरोटोनिन व मेलाटोनिन प्रोड्यूस करता है, जिससे हमें नींद आ जाती है।
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हालाँकि इस प्रोटीन को अपूर्ण प्रोटीन माना गया है क्योंकि इसमें शरीर के लिए आवश्यक अमीनो अम्ल जैसे ट्रिप्टोफेन, सिस्टीन तथा मिथियोनिन आदि अल्प मात्रा में होते हैं।
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जो शरीर में सेरोटोनिन और मेलाटोनिन के स्तर को भी बढाता है और खुद में एक आवशयक अमीनो अम्ल भी है ट्रिप्टोफेन. ये दोनों ही नींद लाने में सहायक सिद्ध होतें हैं सेरोटोनिन तथा मेलाटोनिन.
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रात के खाने में स्वीट दिश के रूप में ओट पुरीज़ को भी जगह दीजिए: ओट मेला-टोनिन का कुदरती खज़ाना है.यह हमारी आंतरिक घडी जैविक लय को बनाए रखने क लिए उत्तम है.दूध के साथ लेने पर यह ट्रिप्टोफेन भी मुहैया करवाता है.
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बीटेन लाये खुशियों की बयार-चुकंदर में बेटेन और ट्रिप्टोफेन नामक फील गुड तत्व होते हैं जो शरीर में सिरोटोनिन तत्व का स्राव भी बढ़ाते हैं और मन को शांत और प्रसन्न करते हैं, डिप्रेशन दूर करते हैं और मूड एलीवेटर का काम करते हैं।
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इनमे ट्रिप्टोफेन और ओमेगा थ्री वसीय अम्लों का डेरा है. इसीलिए इन्हें हमारी नींद के विनियमन में मददगार पाया गया है.सेरोटोनिन के उत्पादन को इसीलिए यह बढातें हैं.जो नींद लाने में मददगार रहता है.इन बीजों में मौजूद ओमेगा थ्री फेटि एसिड्स बे-चैनी और उदासी,अवसाद को भगातें हैं.स्ट्रेस के स्तर को भी कमतर करतें हैं जो अनिद्रा की वजह बनतें हैं.