रावी ने धीरे से वीर्मा के कानो पास अपना मुँह रख पुछा, ” बहुत गर्मी लग रही है, पंखा चला दूँ? वीर्मा बोली, “ नही ठीख है, ” और फीर रावी सीर के चहरे को आंखे कर देखने लगी.
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अंतर भाई हम तो जब से ब्लांगिग मै आये है सिर्फ़ बरहा से सारा काम करता हुं ओन लाईन ओर ओफ़ लाईन, लेकिन ९९ % मै आन लाइन ही सब काम करता हुं, ओर मुझे यह बहुत ही आसान लगा, क्योकि मेरा की बोर्ड जर्मन मै है, इस लिये कई अक्षर अलग है, इस लिये पहले पहल लिखने मै थोडी दिक्कत आई लेकिन अब सब ठीख है बस एक अक्षर नही लिखा जाता वो है ग्या ण...