सबसे पहले इसे लौह और कार्बन के एक ठोस विलयन बनाने के लिए गर्म किया जाता है, यह प्रक्रिया ऑसटेनिकरण (
12.
के अनुसार अंतराकाशी मध्य ठोस विलयन तभी बनेंगे, जब अधातु और धातु के परमाणुओं के अर्द्धव्यासों का अनुपात 0.59 से कम हो।
13.
सबसे पहले इसे लौह और कार्बन के एक ठोस विलयन बनाने के लिए गर्म किया जाता है, यह प्रक्रिया ऑसटेनिकरण (austenizing) कहलाती है.
14.
हॉग (Hogg) के अनुसार अंतराकाशी मध्य ठोस विलयन तभी बनेंगे, जब अधातु और धातु के परमाणुओं के अर्द्धव्यासों का अनुपात 0.59 से कम हो।
15.
यह भिन्नता इस कारण से है कि जब धातुओं को एक साथ पिघलाते हैं, तब वे कितने ही अंतराधातुक यौगिक तथा ठोस विलयन बनाती हैं।
16.
यह भिन्नता इस कारण से है कि जब धातुओं को एक साथ पिघलाते हैं, तब वे कितने ही अंतराधातुक यौगिक तथा ठोस विलयन बनाती हैं।
17.
यह भिन्नता इस कारण से है कि जब धातुओं को एक साथ पिघलाते हैं, तब वे कितने ही अंतराधातुक यौगिक तथा ठोस विलयन बनाती हैं।
18.
हॉग (Hogg) के अनुसार अंतराकाशी मध्य ठोस विलयन तभी बनेंगे, जब अधातु और धातु के परमाणुओं के अर्द्धव्यासों का अनुपात 0.59 से कम हो।
19.
ताँबा जस्ते के साथ दो निश्चित यौगिक Cu 2 Zn 3) और Cu Zn बनाता है और दो किस्म के ठोस विलयन बनते हैं, जिन्हें ऐल्फा-विलयन और बीटा-विलयन कहते हैं।
20.
(क) प्रतिस्थापित ठोस विलयन वे होते हैं, जिनमें एक तत्व के परमाणु दूसरे तत्व के क्रिस्टलीय ढाँचे में उन्हीं स्थानों को ग्रहण करते हैं जहाँ पर उनके पहले दूसरे तत्व के परमाणु स्थित थे।