| 11. | स्त्री शरीर में इन्हीं के समान अंग डिंबग्रंथि, डिंबवाही नलिका और गर्भाशय हैं।
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| 12. | डिंबग्रंथि के अंत: स्राव ओस्ट्रोजेन की मात्रा बढ़ती है क्योंकि ग्रेफियन फालिकल वृद्धि करता है।
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| 13. | प्लीहा, अग्न्याशय, अंडग्रंथि, डिंबग्रंथि-इन सबकी ग्रंथियों में ही गणना की जाती है।
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| 14. | डिंबग्रंथि में जो अंत: स्राव बनते हैं, वे ही डिंब के परिपक्व होने के बाद अंडोत्सर्ग (
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| 15. | डिंबग्रंथि के सक्रिय जीवन के समाप्त होने पर इन स्रावों का बनना निसर्गत: बंद हो जाता है।
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| 16. | प्लीहा, अग्न्याशय, अंडग्रंथि, डिंबग्रंथि-इन सबकी ग्रंथियों में ही गणना की जाती है।
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| 17. | डिंबग्रंथि के सक्रिय जीवन के समाप्त होने पर इन स्रावों का बनना निसर्गत: बंद हो जाता है।
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| 18. | इससे पहले डिंबग्रंथि से परिपक्व अवधि के बाद किसी शिशु का जन्म होने का रिकार्ड नहीं है।
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| 19. | स्त्री की डिंबग्रंथि से छूट कर आये डिंब का जीवन इस से भी छोटा होता है.
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| 20. | जब डिंबग्रंथि में परिपक्व डिंबों का क्षरण बंद हो जाता है, तब मासिकधर्म भी बंद हो जाता है।
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