दो कम्पन योग्य लय हैं निलय तंतुविकसन और स्पंदन रहित वेंट्रिकुलर टेकीकार्डिया जबकि दो गैर-कम्पन योग्य लय हैं हृद्-अप्रकुंचन और स्पंदन रहित विद्युत गतिविधि.
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[5] तंतुविकसन और कणांकुर ऊत्तक के निर्माण में, तंतु कोशिकाएं उत्पन्न होती हैं और कोलेजन तथा फाइब्रोनेक्टिन का स्राव करके नई, कार्यकारी बाह्यकोशिकीय आधात्री (ईसीएम (
13.
निलय सम्बन्धी तंतुविकसन या स्पंदन रहित निलय सम्बन्धी क्षिप्रहृदयता में स्पंदन रहित विद्युतीय गतिविधि या एसिस्टोल से पीड़ित लोगों की तुलना में बचने की 10-15 गुना गुंजाइश होती है.
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भले ही वेंट्रिक्ल हृदय के आउटपुट के उच्च दर को संभालने के लिए सक्षम है 1: 1 स्फुरण समय के साथ साथ वेंट्रिक्यूलर तंतुविकसन में पतित हो सकता है जिस से रक्तसंचारप्रकरण ह्रदय विफलता और मौत हो सकता है.
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भले ही वेंट्रिक्ल हृदय के आउटपुट के उच्च दर को संभालने के लिए सक्षम है 1: 1 स्फुरण समय के साथ साथ वेंट्रिक्यूलर तंतुविकसन में पतित हो सकता है जिस से रक्तसंचारप्रकरण ह्रदय विफलता और मौत हो सकता है.