मगध के पड़ोसी, मिथिला, बंगाल एवं काशी में साधना से अधिक तर्क प्रधान तत्त्वमीमांसा की प्रमुखता रही है।
12.
जैन तत्त्वमीमांसा सात (कभी-कभी नौ, उपश्रेणियाँ मिलाकर) सत्य अथवा मौलिक सिद्धांतों पर आधारित है, जिन्हें तत्त्व कहा जाता है।
13.
तत्त्वमीमांसा (Metaphysics), दर्शन की वह शाखा है जो किसी ज्ञान की शाखा के वास्तविकता (reality) का अध्ययन करती है।
14.
ये सारांश गुरूदेव की प्रसिद्ध पुस्तक मास्टर कोर्स ट्राइलोजी से लिए गए हैं, जो 365 पाठों में हिन्दू दर्शन, संस्कृति और तत्त्वमीमांसा की दैनिक अध्ययन की पुस्तक है।
15.
और जो विशुद्ध चेतना है उसके विषय में शंकराचार्य कुछ भी स्पष्ट कहने से बचते है तो मार्क्स इसे तत्त्वमीमांसा का मुद्दा बता कर इससे बचने का मशविरा करते हैं।
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ये सारांश गुरूदेव की प्रसिद्ध पुस्तक मास्टर कोर्स ट्राइलोजी से लिए गए हैं, जो 365 पाठों में हिन्दू दर्शन, संस्कृति और तत्त्वमीमांसा की दैनिक अध्ययन की पुस्तक है।
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और जो विशुद्ध चेतना है उसके विषय में शंकराचार्य कुछ भी स्पष्ट कहने से बचते है तो मार्क्स इसे तत्त्वमीमांसा का मुद्दा बता कर इससे बचने का मशविरा करते हैं।
18.
यह तत्त्वमीमांसा के लिएइतनी दुर्भाग्यपूर्ण बात थी कि स्वयं लॉक भी इस स्थिति का परित्याग करनेतथा अपनी ही आवश्यकताओं के लिए मन की समन्वयात्मक अथवा सृजात्मक क्रियापर बल देने के लिए विवश हुआ.
19.
यद्यपि, विशेष रूप से, उपनिषदों में तत्त्वमीमांसा, ज्ञानमीमांसा, नीतिमीमांसा, ईशमीमांसा आदि सभी एकान्वित ही प्रतीत होती हैं तथापि इनकी सभी शाखाएं मूलतत्त्व के अन्वेषण अर्थात तत्त्वमीमांसा को ही आश्रय करके ही अवस्थित हैं|
20.
* [[वसुबन्धु]] == परवर्ती परम्परा == आचार्य वसुबन्धु के बाद सभी [[18 बौद्ध निकाय | अठारह बौद्ध निकायों]] में तत्त्वमीमांसा की प्रणाली में कुछ नया परिवर्तन दिखाई देता है।