243ङ. पंचायतों की अवधि, आदि-(1) प्रत्येक पंचायत, यदि तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के अधीन पहले ही विघटित नहीं कर दी जाती है तो, अपने प्रथम अधिवेशन के लिए नियत तारीख से पाँच वर्ष तक बनी रहेगी, इससे अधिक नहीं।
12.
(घ)-मानव अधिकारों के संरक्षण के लिए संविधान या तत्समय प्रवृत्त किसी क़ानून द्वारा या उसके अधीन प्रावहित सुरक्षाओं का पुनर्विलोकन करेगा अथवा उनके प्रभावी क्रियान्वयन करेगा अथवा उनके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए उपायों की सिफारिश करेगा ।
13.
(10) इस अनुच्छेद के और राष्ट्रपति द्वारा इसके अधीन किए गए किसी आदेश के उपबंध इस संविधान के किसी अन्य उपबंध में या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में किसी बात के होते हुए भी प्रभावी होंगे।
14.
(2) तत्समय प्रवृत्त किसी कानून में निहित किसी बात के होते हुए भी, सभी मामलों में, सूट, पूछते हैं, मामलों और न्यायालयों में कार्यवाही, ने कहा कि क्षेत्र से संबंधित, शरीयत के अनुसार में चिंतित न्यायालयों द्वारा तय किया जाएगा:
15.
(क) अनुसूचित जनजातियों के लिए इस संविधान या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि या सरकार के किसी आदेश के अधीन उपबंधित रक्षोपायों से संबंधित सभी विषयों का अन्वेषण करे और उन पर निगरानी रखे तथा ऐसे रक्षोपायों के कार्यकरण का मूल्यांकन करे;
16.
(2) तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के किसी संशोधन से किसी स्तर पर ऐसी पंचायत का, जो ऐसे संशोधन के ठीक पूर्व कार्य कर रही है, तब तक विघटन नहीं होगा जब तक खंड (1) में विनिर्दिष्ट उसकी अवधि समाप्त नहीं हो जाती।
17.
निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी किसी कक्ष के लिये निर्वाचक नामावली तैयार करने के प्रयोजन के लिए तत्समय प्रवृत्त विधान सभा की सूची को राज्य निर्वाचन आयोग के निदेश के अनुसार अपना सकता है जहाँ तक उसका सम्बन्ध उस कक्ष के क्षेत्र से हो;
18.
(क) अनुसूचित जातियों 3*** के लिए इस संविधान या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि या सरकार के किसी आदेश के अधीन उपबंधित रक्षोपायों से संबंधित सभी विषयों का अन्वेषण करे और उन पर निगरानी रखे तथा ऐसे रक्षोपायों के कार्यकरण का मूल्यांकन करे;
19.
(3) इस भाग की-(क) कोई बात जिला स्तर पर पंचायतों के संबंध में पश्चिमी बंगाल राज्य के दार्जिलिंग जिले के ऐसे पर्वतीय क्षेत्रों को लागू नहीं होगी जिनके लिए तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के अधीन दार्जिलिंग गोरखा पर्वतीय परिषद् विद्यमान है ;
20.
243 ङ. पंचायतों की अवधि, आदि-(1) प्रत्येक पंचायत, यदि तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के अधीन पहले ही विघटित नहीं कर दी जाती है तो, अपने प्रथम अधिवेशन के लिए नियत तारीख से पाँच वर्ष तक बनी रहेगी, इससे अधिक नहीं।