6 फ़रवरी को भुवनेश्वर में आयोजित निदेशक मण्डल की बैठक मे रिकार्ड किये गये वित्त वर्ष 2011-12 की तीसरी तिमाही की समीक्षित वित्तीय परिणाम की मानें तो कंपनी ने इसी अवधि में केवल 51. 22 करोड़ के शुद्ध मुनाफ़ा ही कमा पाया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष के तत्समान अवधि में कंपनी ने 255.95 करोड़ के शुद्ध लाभ अर्जित किया था।
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श्री शैलेश कृष्ण ने बताया कि चूड़ी उद्योग में नियोजित अकुशल श्रेणी के कर्मचारियों में घुण्डेवाला, सफईया, ठण्डी बत्तीवाला, पुरईया, बघार वाला, छोटा अस्तर वाला, रद्दी बाँधने वाला, ठेलेवाला, बवलवाला, तोड़े बाँधने वाला, छटाईवाला, पुछाईवाला, मुठ्ठा दिखाने वाला, भंगारवाला, मशीनवाला, पानी वाला, हेल्पर-फायर मैन और तत्समान प्रकृति का कार्य करने वाले अन्य कर्मचारी चाहे उन्हें किसी नाम से पुकारा जाय, शामिल है।