जर्मन शेफर्ड बुक खुशी है, स्वास्थ्यप्रद और जर्मन शेफर्ड तमीज़दार जर्मन शेफर्ड बुक-कैसे खुशी है के लिए के रहस्यों जानें, स्वास्थ्यप्रद और सबसे ब्लॉक में जर्मन शेफर्ड अच्छी तरह से व्यवहार किया....
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पहले वाले anonymous की तुलना में थोड़ी तमीज़दार हूँ, बता रही हूँ कि लड़की हूँ, और ये भी कि मैं anonymous की तरह पर्दे के पीछे भी रहना चाहती हूँ क्योंकि मुझमें लड़ने की ताकत नहीं है, उस जैसे ही।
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[...] रीडर्स डाइजेस्ट द्वारा मुम्बई को सबसे अभद्र और न्यू यॉर्क को सबसे तमीज़दार शहर घोषित करने के सिलसिले में अमरीकी मिथकों की चर्चा छेड़ी भारत में बैठे फ़ुरसतिया ने और जवाब में अमरीकी गुण गिनाए अमेरिका में बसे ई-स्वामी ने।
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[...] रीडर्स डाइजेस्ट द्वारा मुम्बई को सबसे अभद्र और न्यू यॉर्क को सबसे तमीज़दार शहर घोषित करने के सिलसिले में अमरीकी मिथकों की चर्चा छेड़ी भारत में बैठे फ़ुरसतिया ने और जवाब में अमरीकी गुण गिनाए अमेरिका में बसे ई-स्वामी ने।
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पहले वाले anonymous की तुलना में थोड़ी तमीज़दार हूँ, बता रही हूँ कि लड़की हूँ, और ये भी कि मैं anonymous की तरह पर्दे के पीछे भी रहना चाहती हूँ क्योंकि मुझमें लड़ने की ताकत नहीं है, उस जैसे ही।
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जीवन में किताब कभी पढ़ी है? नहीं पढ़ी होगी? क् योंकि किताब पढ़ाई की तो तमीज़दार आपकी ज़बान लगती नहीं? मगर नहीं पढ़ी है तो पढ़नेवालों से खार खाने की कसम तो मम् मीजी ने नहीं खिलाई है ना? किसी और ने खिलाई है?
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फिर आगे की बात बताने के पहले ही प्रायः दोपहर के खाने का वक्त हो जाता और वह तमीज़दार लड़का, जो बड़े सम्पन्न घराने की औलाद हुआ करता था और जिसको चीको साहब की लड़की ब्याही रहा करती थी, वक्ता की पीठ का कपड़ा खींच-खींचकर इशारे से बताने लगता कि चाचाजी, खाना तैयार है।
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तभी तो कहा कि उत्तरी अमेरिका, योरोप वालों की मौज है, तेज़ रफ़्तार वाली बड़ी और चौड़ी चिकनी सड़कें हैं, आबादी तुल्नात्मक रूप से कम है!:) यहाँ तो बिन गड्ढों की सड़कें और उन पर तमीज़दार लोग हो जाएँ तो वही बहुत बड़ी बात होगी!! ;)
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फिर आगे की बात बताने के पहले ही प्रायः दोपहर के खाने का वक्त हो जाता और वह तमीज़दार लड़का, जो बड़े सम्पन्न घराने की औलाद हुआ करता था और जिसको चीको साहब की लड़की ब्याही रहा करती थी, वक्ता की पीठ का कपड़ा खींच-खींचकर इशारे से बताने लगता कि चाचाजी, खाना तैयार है.
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फिर आगे की बात बताने के पहले ही प्रायः दोपहर के खाने का वक्त हो जाता और वह तमीज़दार लड़का, जो बड़े सम्पन्न घराने की औलाद हुआ करता था और जिसको चीको साहब की लड़की ब्याही रहा करती थी, वक्ता की पीठ का कपड़ा खींच-खींचकर इशारे से बताने लगता कि चाचाजी, खाना तैयार है।