| 11. | नाना प्रकार के कार्य करते समय मनुष्य के शरीर से सकारात्मक एवं नकारात्मक ऊर्जा तरंग रूप में प्रसारित होती है।
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| 12. | यह द्रव्य का तरंग रूप है और यह आत्मा के साथ गुथा हुआ रहता है एवं सारे शरीर में व्याप्त है।
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| 13. | तरंग रूप ही सभी भौतिक, रासायनिक, जैविक एवं भावनात्मक क्रियाओं का माध्यम होता है एवं इसका प्रभाव स्थाई होता है।
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| 14. | फोटोन का आधुनिक रूप “अलबर्ट आईंस्टाईन” ने अपने प्रयोगों द्वारा दिया जो कि प्रकाश के तरंग रूप की ब्याख्या नहीं कर सका।
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| 15. | तरंग रूप शरीर को इसके मूल रूप में जानना, मूल रूप को अनुभव करना ही तो मानस-यात्रा है, कैलाश यात्रा है।
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| 16. | प्रकाश का द्वैत तो स्वयम सिद्ध है जो आगे बढ़ता है तरंग रूप और टकराता है पदार्थ रूप किसी भी चीज़ से.
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| 17. | तो ध्यान में आया कि कण या तरंग रूप का अनुभव उस प्रक्रिया पर निर्भर है जिसका उपयोग जानने के लिए किया गया है।
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| 18. | १९०५ तक प्रकाश किरणों के इस तरंग रूप से प्रकाश तथा अनेक अन्य विद्युत चुम्बकीय तरंगों की अनेक घटनाओं की सही व्याख्या हो चुकी थी.
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| 19. | द्रव्य ठोस रूप से उर्जा एवं तरंग रूप में बदलने पर चेतन हो जाता है ये दोनों रूप कोई भी क्रिया करने में सक्षम होते हैं।
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| 20. | नए अवसाद के आने से पूर्व यदि इस तरंगित बालू को सूखकर कुछ द्दढ़ होने का अवसर मिल जाय, तो यह तरंग रूप सुरक्षित रह जाता है।
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