| 11. | पौधा रोपने के 15 दिन बाद से तरल खाद देनी शुरू कर देनी चाहिए।
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| 12. | (पृष्ठ 33 पर) 2-4 साल बाद जीवामृत या तरल खाद का प्रयोग घट जाता है।
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| 13. | गमले में एक दिन पहले सादा पानी डाल कर, अगले दिन तरल खाद डालें।
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| 14. | तरल खाद को पौधे के तने के पास न डालकर गमले के किनारे पर डालें।
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| 15. | पानी न देना हो तो भी महीने में एक बार जीवामृत / तरल खाद मिट्टी में स्प्रे कर दें।
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| 16. | कैसे मिलेगा पौधों को खाद-पानी फार्म के एक हिस्से में पानी व तरल खाद के दो टैंक होंगे।
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| 17. | गर्मियों में तो 10 दिन में ही और ठंड के दिनों में यह तरल खाद तीन सप्ताह में तैयार हो जाती है।
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| 18. | गमले में मिट्टी भरते समय इसे मिट्टी में मिलाया जा सकता है अथवा तरल खाद के रूप में प्रयोग किया जा सकता है।
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| 19. | उन्होंने विद्यार्थियों को तरल खाद के विषय में जानकारी देते हुए यह भी बताया कि ये खाद पौधों को किस सिस्टम के द्वारा पहुंचाई जाती है।
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| 20. | तरल खाद बनाने के लिए ताजा गोबर की 1. 2 किलो मात्रा, खली (सरसों अथवा नीम) की 1.2 मात्रा किलो को 10 लिटर पानी में घोल दें।
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