शायरी में दिलचस्पी रखने वाले अगर अपने ईमान को तर ओ ताज़ा रखना चाहते हैं, अपनी अक़ीदत की शम्मा को नफ़रत की आँधियों के थपेड़ों से बचाना चाहते हैं, और साथ ही ये भी चाहते हों कि उन्हें क़लबी सुकून हासिल हो तो उन्हें 'शरार ए तीशा' का मुतालेआ बार-बार करना चाहिए-किताब का नाम-'शरार ए तीशा' शायर का नाम-रशीद इन्दौरी क़ीमत-रु.
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शायरी में दिलचस्पी रखने वाले अगर अपने ईमान को तर ओ ताज़ा रखना चाहते हैं, अपनी अक़ीदत की शम्मा को नफ़रत की आँधियों के थपेड़ों से बचाना चाहते हैं, और साथ ही ये भी चाहते हों कि उन्हें क़लबी सुकून हासिल हो तो उन्हें ' शरार ए तीशा ' का मुतालेआ बार-बार करना चाहिए-किताब का नाम-' शरार ए तीशा ' शायर का नाम-रशीद इन्दौरी क़ीमत-रु. 150 /-सिर्फ़