तांबे की खोज के बाद सभ्यता में व्यापक परिवर्तन हुआ, ताम्र युग की सभ्यतायें अपने पहले की पाषाणकालीन सभ्यताओं से काफी उन्नत थीं।
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(राजस्थान का इतिहास-डा. गो. ना. शर्मा पृ. १ ८) आभूषण-ताम्र युग के निवासी सौंदर्य प्रेमी हुआ करते थे।
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अब से कोई पांच हजार साल पहले, ताम्र युग आते-आते सुमेर लोगों ने चमड़े के टायर, तांबे की कील वाले पहियों की रीम विकसित कर ली।
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अब से कोई पांच हजार साल पहले, ताम्र युग आते-आते सुमेर लोगों ने चमड़े के टायर, तांबे की कील वाले पहियों की रीम विकसित कर ली।
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GOOD AND BAD ACTIONS: THE LAW OF CAUSE AND EFFECT द्वापर युग (ताम्र युग) के बाद से ही आत्मा में खाद पड़ने लगती है.
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यहाँ हुए खुदाई से यह पता चला है कि यह स्थान नव-पाषाण काल (२ ५ ००-१ ३ ४ ५ ईसा पूर्व) तथा ताम्र युग में आबाद था।
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हम देखते है कि प्रस्तर युग, ताम्र युग और उसके बाद के युगों की कला इसी आदर्श और लक्ष्य पर आधारित है, न कि एक किसी अनुपयोगी वस्तु का केवल सौंदर्यपान करने के लिए।
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हम देखते है कि प्रस्तर युग, ताम्र युग और उसके बाद के युगों की कला इसी आदर्श और लक्ष्य पर आधारित है, न कि एक किसी अनुपयोगी वस्तु का केवल सौंदर्यपान करने के लिए।
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यह परंपरा कब शुरू हुई, यह तो इतिहास के पन्ने नहीं बताते लेकिन यह माना जाता है कि नवपाषाण काल एवं ताम्र युग के समय से ही यह परंपरा चलन में रही है.
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जिसका उल्लेख सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग उ 0 प्र 0 द्वारा 1981 र्इ 0 में प्रकाशित पुस्तक में श्री परमेश्वरी लाल गुप्त के आलेख ‘ उ. 0 प्र 0 में ताम्र युग ' में मिलता है।